सूफी आंदोलन व भक्ति आंदोलन से पूछे गए प्रमुख प्रश्न
सूफी आंदोलन
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| सूफी-भक्ति आंदोलन |
सूफीवाद इस्लाम के भीतर ही एक सुधारवादी आंदोलन के रूप में ईरान से शुरू हुआ था सूफी शब्द का अर्थ पवित्रता है।
सूफी मत की उत्पत्ति किस सिद्धांत से हुई है?
सूफी मत की उत्पत्ति इस्लाम के वहदत उल वजूद सिद्धांत से हुई है, जिसका अर्थ है,”ईश्वर एक है वह सर्वव्यापी है ईश्वर को छोड़कर किसी की सत्ता नहीं है”।
शेख मोइनुद्दीन इबन उल अरबी का संबंध किस सिद्धांत से रहा है?
शेख मोइनुद्दीन इबन उल अरबी 1165-1240 ने वहदत उल वजूद का सिद्धांत दिया।
मुरीद व खानकाह से क्या समझते हैं?
मुरीद उन्हें कहा जाता था जो सूफी संतों से सी सता ग्रहण करते थे, वह सूफी जिन आश्रम में निवास करते थे उन्हें खान का या मठ कहा जाता था।
भारत में सर्वप्रथम सूफी कौन था व भारत में कब आया?
भारत में सर्वप्रथम सूफी शेख इस्माइल था जो महमूद गजनवी (1000-1030)के साथ लाहौर आया।
दातागंज कौन थे?
भारत में सूफी मत के संस्थापक शेख अली बिन उस्मान अलवेरी थे जिन्हें दातागंज बख्श के नाम से भी जाना जाता था।
लखदाता नाम से विख्यात कौन सा सूफी संत था?
सूफी संत सैयद अहमद सुल्तान सखी सरवर लखदाता कहलाता था।
चिश्ती सिलसिले के संस्थापक कौन थे?
चिश्ती सिलसिले के संस्थापक ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती थे जो 1192 ईस्वी में मोहम्मद गौरी के साथ भारत आए चिश्ती परंपरा का मुख्य केंद्र अजमेर था।
दौलताबाद को अपना मुख्य केंद्र चिश्ती संप्रदाय के किस व्यक्ति ने बनाया?
शेख बुरहानुद्दीन गरीब ने 1340 ईस्वी में दक्षिण भारत के क्षेत्रों में चिश्ती संप्रदाय की शुरुआत की और दौलताबाद को मुख्य केंद्र बनाया।
सुहरावर्दी सिलसिला की स्थापना किसने की?
सुहरावर्दी सिलसिला की स्थापना शेख शिहाबुद्दीन उमर सुहरावर्दी ने की इसके संचालन का श्रेय शेख बदरुद्दीन जकारिया को है इन्होंने सिंध एवं मुल्तान को अपना केंद्र बनाया।
भारत इमेज कादिरी सिलसिला के प्रवर्तक कौन थे?
कादरी सिलसिला की स्थापना सैयद अब्दुल कादिर जिलानी ने बगदाद में की थी भारत में कादरी सिलसिला के प्रवर्तक मोहम्मद गौस थे।
नक्शबंदी सिलसिला की स्थापना किसने की?
नक्शबंदी सिलसिला की स्थापना बाकी बिल्लाह ने की भारत में नक्शबंदी सिलसिला का व्यापक प्रचार अकबर के समय में शेख अहमद सरहिंदी ने किया था नक्शबंदी सबसे अधिक कट्टरवादी सिलसिला था इसने अकबर की उदार नीति का विरोध किया ।
भक्ति आंदोलन
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भक्ति आंदोलन की मुख्य धाराएं कौन-कौन सी थी?भक्ति आंदोलन तुर्क आगमन के पूर्व से अकबर के काल तक चलता रहा, इस आंदोलन ने मानव और ईश्वर के मध्य रहस्यवादी संबंधों को स्थापित करने पर पूर्ण बल दिया, भक्ति आंदोलन की दो मुख्य धाराएं थी, १-सगुण धारा, २-निर्गुण धारा।
सूरदास का संबंध किस धारा से था?
सूरदास का संबंध सगुण धारा से था जोकि संत मूर्ति पूजा अवतारवाद व कीर्तन आदि के प्रचार से संबंधित था।
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वैष्णव संत कौन थे?
वैष्णव संत महाराज में लोकप्रिय जो कि भगवान विठोबा के भक्त थे।
वरकरी किन्हे कहा जाता था?
विठोबा पंथ के संत और उनके अनुयाई वर्गणी या तीर्थयात्री पंत कहलाते थे क्योंकि हर वर्ष पंढरपुर की तीर्थ यात्रा पर जाया करते थे।
भक्ति का सर्वप्रथम उल्लेख कहां मिलता है?
भक्ति का सर्वप्रथम उल्लेख श्वेतास्वर उपनिषद मैं मिलता है।
मोन क्रांति क्या है?
भक्ति आंदोलन मोन क्रांति के नाम से भी जानी जाती है ।
चार मठ के स्थापनकर्ता किसे कहा जाता है?
भक्ति आंदोलन का प्रथम प्रचारक शंकराचार्य को माना जाता है जिन्होंने चार दिशाओं में चार मठ स्थापित किए इनकी मृत्यु हिमालय के केदारनाथ में 32 वर्ष की उम्र में हुई।
आचार्य शंकराचार्य के चारों मठ कौन-कौन से हैं वह किस दिशा में है?
आदि शंकराचार्य के चारों मठ निम्न है-
१. उत्तर में बद्रीनाथ स्थान पर ज्योतिष पीठ मठ
२. दक्षिण में श्रृंगेरी स्थान पर गोवर्धन पीठ मत
३. पूर्व में पूरी स्थान पर शारदा पीठ मठ
४. पश्चिम में द्वारिका स्थान पर श्रृंगेरी पीठ मठ
रामानुजाचार्य किस पंथ के संस्थापक थे?
रामानुजाचार्य श्रीराम को अपना आराध्य मानकर। वेदांत में शिक्षा अपने गुरु कांचीपुरम के यादव प्रकाश से प्राप्त किया और श्री वैष्णव पंथ के संस्थापक भी इन्हें माना जाता है श्रीरंगम के विष्णु मंदिर के प्रधान पुजारी भी श्री रामानुजाचार्य
भावार्थ दीपिका किसने लिखी?
महाराष्ट्र के भक्ति बाद का स्रोत तथा लंबे भजन के रूप में धार्मिक उपदेश भावार्थ दीपिका को ज्ञानेश्वर ने भगवत गीता पर एक टीका के रूप में लिखी
रामानंद कौन थे?
भक्ति आंदोलन को दक्षिण भारत से उत्तर भारत में रामानंद द्वारा लाया गया रामानंद श्री रामानुज के शिष्य थे इनका जन्म प्रयाग में हुआ था इन्होंने अपना संप्रदाय सभी जातियों के लिए खोल दिया था रामानंद ने भक्ति को मोक्ष का एकमात्र साधन स्वीकार किया रामानंद के प्रमुख 12 शिष्य में मुख्यतः रैदास, कबीर,, धन्ना, पीपा थे जो क्रमशः मोची जुलाहा जाट व राजपूत थे।
पद्मावती व सूरसीर कौन थी?
पद्मावती तथा सूरसीर महिलाओं को रामानंद ने अपनी महिला शिष्य बनाया हैं
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By Aman Srivastava


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