भारतीय संविधान निर्माण का इतिहास
Historical background of Indian Constitution
भारतीय संविधान का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
नमस्कार दोस्तों जैसा कि आपने टाइटल देखा है भारतीय संविधान का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि तो हम उस विषय पर आज चर्चा करेंगे
भारतीय संविधान का निर्माण 1 दिन में नहीं हुआ भारतीय संविधान के निर्माण को बनने में कई वर्षों का समय गया है। वर्तमान में अगर हम चर्चा करें तो 400 से ज्यादा अनुच्छेद हमारे संविधान में अंकित है भारतीय संविधान भारत को संघात्मक एवं एकात्मक दृष्टि से देखने के लिए प्रेरित करता है.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
दोस्तों संविधान के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में हम शुरुआत करेंगे ब्रिटिश के शासन से
इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को हम कहानी के स्वरूप में समझने की कोशिश करेंगे
सन 1680 में महारानी एलिजाबेथ के द्वारा ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को एक मेनिफेस्टो दिया गया जिसे हम चार्टर भी कह सकते हैं र चार्टर के अंतर्गत ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में 15 साल तक के लिए व्यापार करने की छूट प्रदान की गई।
We can say that the British came in India as traders
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी सिर्फ और सिर्फ व्यापार के लिए छूट प्राप्त करके भारत में आती है, ब्रिटिश जब भारत में आते हैं तो उस समय लगभग 60 प्रतिशत व्यापार बंगाल से होते थे, तुम यह कह सकते हैं कि बंगाल उस समय एक बड़ा स्रोत था व्यापारियों के लिए धन निष्कासन का
Bengal is the main source for the British East India company for trade
कई वर्षों तक व्यापार के पश्चात दो बड़ी घटना हुई भारतीय इतिहास के अंतर्गत, जिसमें प्रथम घटना हुई प्लासी का युद्ध 1757 में
अब होता क्या है कि इसके बाद हमें देखने को मिलता है दो युद्ध और वह युद्ध होता है 1757 का प्लासी का युद्ध और 1764 का बक्सर का युद्ध इसके बाद इलाहाबाद की संधि होती है 1765 में और वहां से ब्रिटिश जो व्यापारी थे वह अब शासक में परिवर्तित होने लगते हैं हम कह सकते हैं कि जिन का मुख्य कार्य व्यवसाय था वह धीरे-धीरे शासन की तरफ बदलने लगते हैं
Traders become rulers
हम आपका ध्यान अब आकर्षित करना चाहेंगे युद्धों के तरफ जहां हमें यह समझेंगे कि युद्ध किन के मध्य हुए और उनके परिणाम क्या रहे-
प्लासी का युद्ध battle of Plassey 1757
23 जून 1757 का प्लासी का युद्ध होता है, जो रॉबर्ट क्लाइव और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के मध्य होता है रॉबर्ट क्लाइव सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर को अपने अंतर्गत मिला लेता है और छल से प्लासी का युद्ध जीत जाता है जिसके पश्चात वह मीर जाफर को बंगाल का नवाब बना देता है
बक्सर का युद्ध battle of buxar 1764
बक्सर का युद्ध अंग्रेजों व मीर कासिम, अवध के नवाब शुजौद्दौला
एवं शाह आलम द्वितीय के मध्य होता है। मीर कासिम मीर जाफर का दमाद होता है जोकि बंगाल का नवाब रहता है।
अंग्रेजों की तरफ से सेनापति हेक्टर मुनरो होते हैं तत्पश्चात बक्सर के युद्ध में पुनः अंग्रेजों की जीत होती है और मीर कासिम की हार होती
यह युद्ध छल से नहीं अपितु सैन्य शक्ति से अंग्रेज जीत लेते हैं
बक्सर के युद्ध में शुजौद्दौला की हार अंग्रेजों को कुछ स्वतंत्रता प्रदान कर देती है भारत में शासन के लिए ऐसा क्यों होता है क्योंकि अवध के नवाब शूजऔदौला उस समय के सबसे प्रख्यात युद्ध में निपुण व कुशल शासक है जिसकी हार के पश्चात अंग्रेजों को अर्थ स्वतंत्रता प्राप्त हो जाती है भारत में शासन के लिए और उनकी आत्मनिर्भरता भारत में शासन के लिए बढ़ जाती है
इलाहाबाद की संधि
Treaty of Allahabad 12 August 1765
इलाहाबाद की संधि पर हस्ताक्षर 12 अगस्त 1765 में होता है यह संधि शाह आलम द्वितीय जोकि आलमगीर द्वितीय का पुत्र था रॉबर्ट क्लाइव जो ईस्ट इंडिया कंपनी से संबंध रखता था इनके मध्य होता है और यहीं से बंगाल बिहार उड़ीसा की दीवनी व राजस्व का अधिकार अंग्रेजों को प्राप्त हो जाता है
They got the rights offer revenue and civil justice system of Bengal Bihar Orissa and also got the diwani rights
दीवानी राइट्स प्राप्त करने के बाद अंग्रेज भारत के शासन को अपने अंतर्गत लेने की और एक कदम और बढ़ जाते हैं और उसके बाद सिपाही विद्रोह देखने को प्राप्त होता है
Sepoy mutiny 1857 to 1858 the first war of independence
सिपाही विद्रोह के बाद ब्रिटिश क्रॉउन सीधे तौर पर भारतीय शासन को अपने अंतर्गत ले लेता है और यहां से फिर ब्रिटिश का शासन होता है जिसके बाद धीरे-धीरे स्वतंत्रता एवं संविधान की मांग बढ़ती रहती है भारतीयों द्वारा और 1946 में संविधान सभा का निर्माण होता है जिसका मुख्य उद्देश्य संविधान का निर्माण होता है
Need of constitution
In 1946 first constituent assembly was formed for the purpose of making constitution
तत्पश्चात जैसा की आप सभी को ज्ञात है 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पारित होता है
संविधान निर्माण तक जितने भी अंग्रेजी शासकों द्वारा या ब्रिटिश संसद द्वारा कानून एवं एक्ट पारित है उन्हें हम दो वर्गीकरण के माध्यम से समझ सकते हैं
१. कंपनी का शासन (1773 से 1858)
२. ताज का शासन (1858 से 1947)
संविधान निर्माण के इतिहास जितने भी एक्ट आए हैं उन्हें में आपको नेक्स्ट पोस्ट के माध्यम से समझाने का प्रयास करूंगा तो आज के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के पोस्ट में सिर्फ इतना ही अगली पोस्ट का इंतजार करिएगा और कमेंट में हमें यह जरूर बताइएगा कि आपको यह पोस्ट कैसा लगा साथी साथ आप हमारे ब्लॉक को फॉलो कर लीजिए और सब्सक्राइब का बटन भी क्लिक कर दीजिए और अपने दोस्तों को भी यह पोस्ट जरूर शेयर करिए
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