मध्यकालीन भारत mcq
मध्यकालीन भारत
दिल्ली सल्तनत
खिलजी वंश {1290 -1320 }
- खिलजी वंश का संस्थापक था - जलालुद्दीन फिरोज खिलजी [1290 -1996 ]
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| jalaluddin firoj kjilji |
जलाद्दीन फिरोज खिलजी गुलाम वंश के अंतिम शासक शमशुद्दीन क्यूमर्श का सेनापति था। जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने 'सर-ए-जहाँदार ' का पद भी प्राप्त किया था | 13 जून 1290 में 'शाइस्तान खां ' की उपाधि के साथ राजगद्दी बैठा। इसने 'किलोखरी' को अपनी राजधानी बनाया।
- ' सिकंदर सानी 'उपाधि किसने ग्रहण की थी
- दिल्ली खिलजी वंश का दूसरा संस्थापक अल्लाउद्दीन खिलजी था [1296 -1316 ] ,२० जुलाई1296 में अल्लाउद्दीन ने जलालुद्दीन खिलजी की हत्या कर दिल्ली का सुल्तान बन गया| इसके बचपन का नाम अली गुरशास्प था. अलाउद्दीन ने ही सुल्तान के पद को सर्वौच्च रखते हुए सिकंदर-ए -सानी की उपाधि ग्रहण की थी.
| अल्लाउद्दीन फिरोज खिलजी |
- 'यामीन -उल-खिलाफत-नासिरी-अमीर-उल मोमिनीन ' की उपाधि किसने ग्रहण की थी
अल्लाउदीन खिलजी ने खलीफा की सत्ता को मान्यता प्रदान करते हुए' यामीन -उल-खिलाफत-नासिरी-अमीर-उल मोमिनीन ' यानि खलीफा के नायब की उपाधि धारण की थी।
:अलाउद्दीन खिलजी ने भू -राजस्व बढाकर उपज का 1 /2 कर दिया।
और लूट के धन में सुल्तान का हिस्सा भी बढाकर 1/५ के स्थान पर 4 /5 कर दिया।
;शहना -ए -मंडी= बाजार में बाजार का अध्यक्ष
;बरीद =बाजार के अंदर घूमकर बाजार का निरिक्षण करने वाला
;मुंनहियान= गुप्त सुचना प्राप्त करता था.
- दीवान-ए - मुस्तखराज की शुरुआत किसने की थी
- पैगम्बर के सेनापति की उपाधि किसने धारण की थी
नसीरुद्दीन खुशरो शाह
- तुगलक वंश [1320 -1414 ]

गयासुद्दीन तुगलक
- तुगलक वंश की नीव किसने डाली
दीपालपुर के सूबेदार गयासुद्दीन तुगलक ने 5 सितम्बर 1320 को खिलजी वंश के अंतिम शासक खुरसव शाह को पराजित कर के तुगलक वंश की नीव डाली और 8 सितम्बर 1320 को को गयासुद्दीन तुगलक शाह के नाम से गद्दी पर बैठा।
- काफिरो के घातक की उपाधि किसने धारण की थी
गयासुद्दीन तुगलक ने गाजी या काफिरो का घातक की उपाधि धारण की थी
- नहरों का निर्माण का करने वाला पहला सुल्तान कौन था
गयासुद्दीन तुगलक ने नहरो का निर्माण करने वाला पहला सुल्तान था ,गियासुद्दीन का मकबरा कृत्रिम झील के अंदर भी निर्मित ही , दिल्ली के समीप स्थित पहाड़ियों पर तुगलकाबाद नाम का एक नगर भी स्थापित किया।

मुहम्मद बिन तुगलक दिल्ली का सुल्तान कब बना -
गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के बाद मुहम्मद बिन तुगलक 1325 में दिल्ली का सुल्तान बना , मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मुहम्मद बिन तुगलक सर्वाधिक शिक्षित ,विद्वान,एवं योग्य व्यक्ति था,इसका मूल नाम 'उलूग खां 'था। राजमुंदरी के एक अभिलेख में मुहम्मद तुगलक को दुनिया का खान भी कहा गया
,बरनी ने अनुसार -मु हम्मद बिन तुगलक की पांच योजनाओ का उल्लेख किया है-
१-दोआब क्षेत्र में कर वृद्धि -[1326 -27 ]
२- राजधानी परिवर्तन [1326 -27

मुहम्मद बिन तुगलक
]
३- सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन [1329-30
४-खुरासान अभियान
५-कराचिल अभियान
.इसने अपनी राजधानी को दिल्ली से देवनागरी कर दिया नाम दौलताबाद कर दिया।
. सांकेतिक मुद्रा के अंतर्गत इसने पीतल ,ताम्बा एवं धातुओं के सिक्के चलवाये
मुहम्मद बिन अब्दुल्ला इब्न बतूता अरब यात्री ,विद्वान और महान लेखक भी था,भारत में प्रवेश के पश्चात वह दिल्ली पंहुचा [1333 ]और 1342 में उसे मुहम्मद बिन तुगलक ने सम्मान के साथ दिल्ली का काजी नियुक्त किया , उसके पुस्तक रेहला इब्न बतूता ने मुहम्मद तुगलक के सामायिक घटनाओ का वर्णन किया है.

फिरोज शाह तुगलक
- फ़िरोज़ शाह तुगलक कौन था
1309 ई. में जन्मे ,मुहम्मद तुगलक के चचेरे भाई का पुत्र ,23 मार्च 1351 में दिल्ली मुम्मद तुगलक की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत की राजगद्दी का मालिक बना ,जो एक कट्टर सुन्नी धर्मांध मुस्लिम था ,
बात करे इसके राजस्व व्यवस्था की थी तो इसने अपने शासन काल में 24 कष्ट देने वाले करों को माफ़ करके मात्र चार करो की वसूली प्रदान कोई जिनमे 'ख़ुम्स '[युद्ध में लूट का माल ]',जजियाऔर ज़कात' [इस्लाम धर्म के अनुसार , अपाहिजो और असहाय और साधनहीन को २.3 %लिया जाने वाला कर]और 'लगान ',
ब्राह्मणो पर जजिया कर लागु करने वाला प्रथम मुस्लमान शासक भी फिरोजशाह है
यदि इसके सिचाई की सुविधा को देखे तो ,सिचाई के लिए फिरोज शाह ने 5 बड़ी नहरे बनवायी -
.यमुना-हिसार[15 0 मील],
सतलज - घघ्घर[96 मील ]
सिरमौर -हांसी
घग्गर-फ़िरोज़ाबाद
यमुना -फिरोजाबाद
इसकी आत्मकथा फतुहात -ए -फिरोजशाही है ,हेनरी इलियट और एलिफिंस्टन ने फिरोज को सालतरंत युग का अकबर कहा .
- तुगलक वंश का अंतिम शासक कौन था
नसीरुद्दीन मुहम्मद तुगलक [1398 1412 ] तुगलक वंश का अंतिम शासक था
सैय्यद वंश [1414 -1451 ]
- सैय्यद वंश का संस्तापक कौन था

खिज्र खान
खिज्र खान [1414 -1451 ] ने सैय्यद वंश का संस्तापक था ,जो स्वयं को पैगम्बर वंशज मानता था सैय्यद वंश दिल्ली सल्तनत का चतुर्थ वंश था,खिज्र खान ने रैयत ए आला की उपाधि धारण किया था ,.1421 में खिज्र खान का पुत्र मुबारक शाह सुल्तान बना जिसने यमुना तट पर मुबारकबाद शहर बसाया। ,मुम्मद शाह[1434 -1444 ][मुबारक शाह के बाद सुल्तान ] का ूर्व नाम फरीद खान था ,मुम्मद शाह ने बहलोल लोदी को 'खान ए खाना 'की वधि दी और उसे पुत्र कहकर पुकारा।
- सैय्यद वंश का अंतिम शासक कौन था
अल्लाउद्दीन आलमशाह 1443 -1451 सैय्यद वंश का अंतिम शासक बना जिसने स्वेच्छा पूर्वक दिल्ली का शासन त्याग दिया। आलमशाह की मृत्यु 1476 में बदायूं में हो गयी
लोदी वंश [1451 -1526 ]
- लोदी वंश का प्रथम शासक कौन था

बहलोल लोदी
गिजलोई कबीले में ैदा हुए बहलोल लोदी ने लोदी वंश की स्थपना 1451 में की 19 अप्रैल को बहलोल शाह गाजी नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा। इसने बहलोली सिक्के चलवाये। 1489 में इसकि मृत्यु हो गयी जिसके बाद 17 जुलाई को को सिकंदर शाह लोदी सिंहासन पर बैठा
. सिकंदर शाह लोदी ने 1504 में आगरा की नीव डाली और अपने साम्राज्य की दूसरी राजधानी बनाई
- लोदी वंश का अंतिम शासक कौन था
लोदी वंश का अंतिम शासक इब्राहिम शाह लोदी [1517 -26 ] बना
घाटोली का युद्ध -1517 -18 में राणा सांग और इब्राहिम लोदी के मध्य घाटोली का युद्ध हुआ जिसमे इब्राहिम लोदी की हार हुई ,
पानीपत का प्रथम युद्ध -1526 में बाबर और इब्राहिम लोदी के मध्य हुई जिसमे बाबर की जीत होती ै और लोदी वंश की समाप्ति हो गयी
तुगलक वंश के शासक गयासुद्दीन तुगलक -1320-1325
मुहम्मद बिन तुगलक- 1325-1351
फिरोजशाह तुगलक -1351-1388
गयासुद्दीन तुगलक शाह-1388-1389
-
अबूबकर -1389-1390
शहजादा मुहम्मद -1390-1394
अलाउद्दीन सिकंदर शाह-1394-1398
नसीरुद्दीन महमूद-1398-1412
सैय्यद वंश
खिज्र खान 1414-1421
मुबारक शाह 1421-1434
मुहम्मद शाह 1434-1444
आलम शाह 144-1451
लोदी वंश
बहलोल लोदी 1451-1489
सिकंदर लोदी 1489-1517
इब्राहिम लोदी 1517-1526
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| गयासुद्दीन तुगलक |
- तुगलक वंश की नीव किसने डाली
दीपालपुर के सूबेदार गयासुद्दीन तुगलक ने 5 सितम्बर 1320 को खिलजी वंश के अंतिम शासक खुरसव शाह को पराजित कर के तुगलक वंश की नीव डाली और 8 सितम्बर 1320 को को गयासुद्दीन तुगलक शाह के नाम से गद्दी पर बैठा।
- काफिरो के घातक की उपाधि किसने धारण की थी
गयासुद्दीन तुगलक ने गाजी या काफिरो का घातक की उपाधि धारण की थी
- नहरों का निर्माण का करने वाला पहला सुल्तान कौन था
गयासुद्दीन तुगलक ने नहरो का निर्माण करने वाला पहला सुल्तान था ,गियासुद्दीन का मकबरा कृत्रिम झील के अंदर भी निर्मित ही , दिल्ली के समीप स्थित पहाड़ियों पर तुगलकाबाद नाम का एक नगर भी स्थापित किया।
मुहम्मद बिन तुगलक दिल्ली का सुल्तान कब बना -
१-दोआब क्षेत्र में कर वृद्धि -[1326 -27 ]
२- राजधानी परिवर्तन [1326 -27
२- राजधानी परिवर्तन [1326 -27
| मुहम्मद बिन तुगलक |
]
३- सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन [1329-30
४-खुरासान अभियान
५-कराचिल अभियान
.इसने अपनी राजधानी को दिल्ली से देवनागरी कर दिया नाम दौलताबाद कर दिया।
. सांकेतिक मुद्रा के अंतर्गत इसने पीतल ,ताम्बा एवं धातुओं के सिक्के चलवाये
मुहम्मद बिन अब्दुल्ला इब्न बतूता अरब यात्री ,विद्वान और महान लेखक भी था,भारत में प्रवेश के पश्चात वह दिल्ली पंहुचा [1333 ]और 1342 में उसे मुहम्मद बिन तुगलक ने सम्मान के साथ दिल्ली का काजी नियुक्त किया , उसके पुस्तक रेहला इब्न बतूता ने मुहम्मद तुगलक के सामायिक घटनाओ का वर्णन किया है.
| फिरोज शाह तुगलक |
- फ़िरोज़ शाह तुगलक कौन था
1309 ई. में जन्मे ,मुहम्मद तुगलक के चचेरे भाई का पुत्र ,23 मार्च 1351 में दिल्ली मुम्मद तुगलक की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत की राजगद्दी का मालिक बना ,जो एक कट्टर सुन्नी धर्मांध मुस्लिम था ,
बात करे इसके राजस्व व्यवस्था की थी तो इसने अपने शासन काल में 24 कष्ट देने वाले करों को माफ़ करके मात्र चार करो की वसूली प्रदान कोई जिनमे 'ख़ुम्स '[युद्ध में लूट का माल ]',जजियाऔर ज़कात' [इस्लाम धर्म के अनुसार , अपाहिजो और असहाय और साधनहीन को २.3 %लिया जाने वाला कर]और 'लगान ',
ब्राह्मणो पर जजिया कर लागु करने वाला प्रथम मुस्लमान शासक भी फिरोजशाह है
यदि इसके सिचाई की सुविधा को देखे तो ,सिचाई के लिए फिरोज शाह ने 5 बड़ी नहरे बनवायी -
.यमुना-हिसार[15 0 मील],
सतलज - घघ्घर[96 मील ]
सिरमौर -हांसी
घग्गर-फ़िरोज़ाबाद
यमुना -फिरोजाबाद
इसकी आत्मकथा फतुहात -ए -फिरोजशाही है ,हेनरी इलियट और एलिफिंस्टन ने फिरोज को सालतरंत युग का अकबर कहा .
- तुगलक वंश का अंतिम शासक कौन था
सैय्यद वंश [1414 -1451 ]
- सैय्यद वंश का संस्तापक कौन था
| खिज्र खान |
- सैय्यद वंश का अंतिम शासक कौन था
लोदी वंश [1451 -1526 ]
- लोदी वंश का प्रथम शासक कौन था
| बहलोल लोदी |
गिजलोई कबीले में ैदा हुए बहलोल लोदी ने लोदी वंश की स्थपना 1451 में की 19 अप्रैल को बहलोल शाह गाजी नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा। इसने बहलोली सिक्के चलवाये। 1489 में इसकि मृत्यु हो गयी जिसके बाद 17 जुलाई को को सिकंदर शाह लोदी सिंहासन पर बैठा
. सिकंदर शाह लोदी ने 1504 में आगरा की नीव डाली और अपने साम्राज्य की दूसरी राजधानी बनाई
- लोदी वंश का अंतिम शासक कौन था
लोदी वंश का अंतिम शासक इब्राहिम शाह लोदी [1517 -26 ] बना
पानीपत का प्रथम युद्ध -1526 में बाबर और इब्राहिम लोदी के मध्य हुई जिसमे बाबर की जीत होती ै और लोदी वंश की समाप्ति हो गयी
तुगलक वंश के शासक गयासुद्दीन तुगलक -1320-1325
मुहम्मद बिन तुगलक- 1325-1351
फिरोजशाह तुगलक -1351-1388
गयासुद्दीन तुगलक शाह-1388-1389
-
अबूबकर -1389-1390
शहजादा मुहम्मद -1390-1394
अलाउद्दीन सिकंदर शाह-1394-1398
नसीरुद्दीन महमूद-1398-1412
सैय्यद वंश
खिज्र खान 1414-1421
मुबारक शाह 1421-1434
मुहम्मद शाह 1434-1444
आलम शाह 144-1451
लोदी वंश
बहलोल लोदी 1451-1489
सिकंदर लोदी 1489-1517
इब्राहिम लोदी 1517-1526
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